कुड़वा की मांग गारोड़ी बस्ती पहुँचे न्यायाधीश श्री वाळके,  विधि सेवा प्राधिकरण विभाग की रही उपस्थिति..

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प्रतिनिधि। 28 जून 
गोंदिया। मा. विधि सेवा प्राधिकरण, सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली एवं मा. महाराष्ट्र विधि सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय मुंबई के निर्देशानुसार, गोंदिया की भटक्या विमुक्त परिषद द्वारा संचालित श्री प्रशांत बोरसे व निर्मल बोरसे की पालावरची शाळा पर हाल ही में गोंदिया जिला विधि सेवा प्राधिकरण विभाग द्वारा जागरूकता अभियान के अंतर्गत विविध कार्यक्रम संपन्न हुए।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मा. दीवानी न्यायाधीश वरिष्ठ स्तर श्री एन. के. वाळके सर उपस्थित थे। उनके साथ एडवोकेट सुजाता तिवारी, उपप्रमुख लोक अभिरक्षक, एडवोकेट एकता गणवीर, एडवोकेट रोशनी पटले (पैनल लॉयर) उपस्थित थीं।
साथ ही इस कार्यक्रम में गोंदिया जिला व्यापारी एसोसिएशन की भी विशेष उपस्थिति रही।
इस अवसर पर, जब हमारे मांग गारुडी बस्ती में एक न्यायाधीश पधारे, तो समाज के लोगों ने देखा कि जिन्हें वे हमेशा कोर्ट में आदेश देते या दंडित करते हुए देखते हैं, वे आज प्रत्यक्ष रूप से उनकी बस्ती में आकर उनसे बातचीत कर रहे हैं। यह देखकर पूरे समाज ने उत्साह से एकत्र होकर उनसे वार्तालाप किया।
भटके विमुक्त कल्याणकारी परिषद के जिला सहसंयोजक श्री बाळूभाऊ बिसेन ने सभी अतिथियों का बस्ती में स्वागत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता पूजन के बाद, अध्यक्षीय भाषण में पालावर स्कूल के संचालक श्री प्रशांत बोरसे ने पालावर स्कूल के महत्व को विस्तारपूर्वक बताया, साथ ही यह भी बताया कि पालावरची शाळा कैसे चलती है, उसमें बच्चों की सहभागिता कैसी होती है, भटके विमुक्त कल्याणकारी परिषद के माध्यम से बच्चों में कितनी प्रगति हो रही है और भटक्या समाज में विभिन्न दस्तावेजों की उपलब्धता कैसे कराई जाती है—यह सब उदाहरणों सहित समझाया।
मांग गारुडी समाज की स्कूल की विद्यार्थी जसवंत कांबळे, तथा जो सातवीं कक्षा में शाला बाह्य हो गई थी लेकिन पालावरची शाळा के माध्यम से पुनः शिक्षा के मुख्य प्रवाह में आकर हाल ही में एम.एस.सी.(MSC) में प्रवेश पाने वाली कु. सीमा शेंडे—इन दोनों ने ही स्कूल के बारे में अपने अनुभव और भावनाएं व्यक्त कीं।
भटक्या समाज की न होते हुए भी, भटक्या समाज के लिए चलने वाली स्कूल में नियमित रूप से आने वाली कु. अर्पिता रंगारी ने अपने विचार बताए, कि कैसे इस एक स्कूल के कारण हमारे पड़ोस के, किंतु अलग-थलग पड़े, बहुत ही गंदे रहने वाले, अक्सर गाली-गलौज करने वाले, मांग गारुडी बस्ती के बच्चों में सकारात्मक बदलाव आए, और आज वे हमारे सबसे घनिष्ठ मित्र-मित्रियां हैं।
व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संजय जैन ने कहा कि ऐसा लगता है, जैसे हम एक विकसित दुनिया से, पिछड़े और सुविधाविहीन एक अलग संसार में आए हैं, और यह संसार तुम लोगों ने अपने शिक्षा से समृद्ध किया है – यह  उन्होंने अपने भाषण में विशद किया।
एसोसिएशन के महासचिव श्री नारी चांदवानी ने बच्चों की अनुशासन और स्मरणशक्ति , गीतापठन की विशेष सराहना की। सचिव श्री राजेश्वर कनोजिया ने आगे समय में पालावर स्कूल को एसोसिएशन की ओर से मदद का आश्वासन दिया। एसोसिएशन के उपमहासचिव श्री राजा इसरका, श्री अंकित हत्तीमारे ने भी बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
एडवोकेट सुजाता तिवारी ने अपने भाषण में मानसिक दिव्यांग व्यक्तियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से प्राप्त होने वाली सुविधाओं को स्पष्ट किया और उनका लाभ कैसे उठाया जा सकता है, यह समझाया।
माननीय एडवोकेट एकता गनवीर ने वैकल्पिक विवाद निवारण प्रणाली 1906 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने घुमंतू समाज, प्रवासी मज़दूरों में जागरूकता तथा उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान की।
एडवोकेट रोशनी पाटले ने जनता के मूलभूत अधिकारों और उसके साथ आने वाले कर्तव्यों के बारे में उपदेश दिया।
अतिथि भाषण में मा. न्यायाधीश श्री एन. के. वाळके सर ने औपचारिक भाषण न देते हुए बच्चों से सहज बातचीत की। भारत माता का सही अर्थ और भारत माता के प्रति हमारे क्या कर्तव्य हैं, यह बच्चों को संवाद के माध्यम से समझाया।
इसके बाद बच्चों और समाज से चर्चा के दौरान बताया कि मादक पदार्थों का नशा हमारे समाज पर लगी एक बुरी लत है, जो धीरे-धीरे हमारे जीवन को नष्ट कर रही है, और गैरकानूनी तस्करी दिवस के बारे में भी सभी को जागरूक किया।
समाज की महिलाओं को, अपनी बच्चियों को पढ़ाने, उन्हें आगे बढ़ने देने, और घर की चौखट से बाहर निकालने की बात कहते हुए, स्कूल की होनहार बालिकाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
न्यायाधीश महोदय की यह सादगी देखकर सभी बच्चे उनसे खुलकर बातचीत कर रहे थे।
इस अवसर पर अतिथियों के हाथों गोंदिया के समाजसेवी एवं प्रतिष्ठित उद्यमी श्री जयदीप जसानी के माध्यम से स्कूल के सभी बच्चों को नए सत्र के आरंभ पर स्कूल बैग वितरित किए गए।
कार्यक्रम के अंत में श्रीमती निर्मल बोरसे ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समाज, आए हुए सभी अतिथियों और बच्चों को बैग देने के लिए श्री जयदीप जसानी का आभार व्यक्त किया।

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